भा.वा.अ.शि.प. के संस्थानों द्वारा अद्यतन

 ओडिशा के बांस किसानों और कारीगरों का एक्सपोजर दौरा सह प्रशिक्षण  -:   25 September 2023

 केन्द्रीय विद्यालय (केवी), सुकना, दार्जिलिंग में प्रकृति और वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया   -:   22 September 2023

 विश्व बाँस दिवस 2023 के अवसर पर मिशन लाइफ के तत्वाधान में दिनांक 18.09.2023 को “आजीविका बढ़ाने हेतु बाँस का उपयोग” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया   -:   22 September 2023

 माटीगाड़ा बालिका विद्यालय दार्जिलिंग में प्रकृति एवं वन महोत्सव कार्यक्रम के आयोजन पर एक रिपोर्ट  -:   21 September 2023

 भावाअशिप-वन उत्पादकता संस्थान, रांची में हर घर तिरंगा कार्यक्रम के आयोजन पर एक रिपोर्ट  -:   20 September 2023

 आईसीएफआरई-इको रिहैबिलिटेशन सेंटर, प्रयागराज में राजभाषा एवं विज्ञान व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन  -:   19 September 2023

 आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला में हिमालय दिवस समारोह पर एक रिपोर्ट  -:   19 September 2023

 जुनिपर पॉलीकार्पोस की नर्सरी और वृक्षारोपण तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट  -:   19 September 2023

 मेरी माटी मेरा देश एवं मिशन लाइफ के अंतर्गत वृक्षारोपण एवं जागरूकता कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट  -:   19 September 2023

 सतत विकास और आजीविका के लिए वानिकी प्रौद्योगिकी पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट  -:   19 September 2023

 आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला द्वारा औषधीय पौधों की विविधता पर एक रिपोर्ट   -:   19 September 2023

 भा.वा.अ.शि.प-वन उत्पादकता संस्थान, रांची द्वारा स्वच्छता अभियान का आयोजन पर एक रिपोर्ट  -:   19 September 2023

 जेएनवी, विशाखापत्तनम में 16 सितंबर 2023 को आयोजित प्रकृति कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट  -:   19 September 2023

 जेएनवी, झारसुगुड़ा में 13 सितंबर 2023 को आयोजित प्रकृति कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट  -:   19 September 2023

 केवीएस, झारसुगुड़ा में 13 सितंबर 2023 को आयोजित प्रकृति कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट  -:   19 September 2023

और पढ़ें

भा.वा.अ.शि.प.की प्रौद्योगिकी

  जूनीपेरस पॉलीकार्पस (हिमालयन पेन्सिल सीडार) की बीज प्रौद्योगिकी

जुनिपेरस पाॅलीकार्पोस, सी.कोच उत्तर पश्चिम हिमालयन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देशज शंकु वृक्ष है, जिसे सामान्यतः हिमालयन पेंसिल सिडार के नाम से जाना जाता है। इस प्रजाति के बीजों में प्रसुप्ति होती है, जो इसके अंकुरण को प्रभावित करती है। 

  कुटकी बहुगुणन हेतु वृहद-प्रसार तकनीक

पिकोरिजा कुरूआ, रायल एक्स बेंथ जिसे सामान्यतः कुटकी के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाना महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है, जिसकी उच्च शीतोष्ण क्षेत्रों (2700 मी. से ऊपर) में वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता है।

  मुशाकबला बहुगुणन हेतु बृहद-प्रसार तकनीक

वैलरियाना जटामांसी, जोन्स जिसे सामान्यतः मुशाकबला के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है तथा वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता रखता है।

  देवदार निष्पत्रक (एक्ट्रोपिस देवदारे प्राउट) का एकीकृत कीट प्रबंधन

देवदार (सिडेरस देओदारा), उत्तर-पश्चिम हिमालय का एक अति मूल्यित एवं बहुल शंकु प्रजाति है, यह कुछ अंतरालों पर निष्पत्रक, इक्ट्रोपिस देओदारी प्राउट (लेपीडोप्टेरा: जिओमैट्रिडि) से प्रभावित होता है। यह प्रमुख नाशी-कीट देवदार वनों की अल्पवयस्क फसलों को गम्भीरता से प्रभावित करता है।

  बागवानी रोपण के साथ शीतोष्ण औषधीय पादपों का अंतरफसलीकरण

उच्च पहाड़ी शीतोष्ण क्षेत्रों के बागानों में अंतरालों का बेहतर उपयोजन किया जा सकता है तथा चुनिंदा वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय पादपों के अंतरफसलीकरण से बागानों द्वारा आर्थिक लाभ की वृद्धि की जा सकती है।

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