आगामी आयोजन

 आईएफजीटीबी, कोयंबटूर 28-30 जनवरी 2026 तक जनसंख्या और संरक्षण आनुवंशिकी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है  updated: 30 May 2025

 वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आईसीएफआरई, देहरादून का प्रशिक्षण कैलेंडर  updated: 23 May 2025

 आईसीएफआरई-वर्षा वन अनुसंधान संस्थान, जोरहाट (असम) 26-28 जून, 2025 के दौरान किसानों, अगर उत्पादकों, गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और संयुक्त वित्त समितियों, स्वायत्त/विकास परिषदों, उद्यमियों, छात्रों आदि के लिए अगरवुड की खेती और कृत्रिम टीकाकरण पर कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन कर रहा है  updated: 19 May 2025

 आईसीएफआरई-वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून का लघु अवधि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (एसटीटीसी) कैलेंडर-2025  updated: 24 January 2025

भा.वा.अ.शि.प. के संस्थानों द्वारा अद्यतन

 भा.वा.अ.शि.प.-वर्षा वन अनुसंधान संस्थान, जोरहाट (असम) द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस - 2025 का उत्सव  RFRI:   11 June 2025

 काष्ठ एवं अकाष्ठ प्रजातियों के उम्मीदवार वृक्षों का चयन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (9-13.06.2025)  TFRI:   10 June 2025

 भा.वा.अ.शि.प., देहरादून की महानिदेशक श्रीमती कंचन देवी, द्वारा उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर मध्यप्रदेश का दौरा  TFRI:   10 June 2025

 महाराष्ट्र वन विभाग के अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन (06/06/2025)  TFRI:   10 June 2025

 वन विज्ञान केंद्र (वीवीके), मिजोरम के तहत ‘विश्व पर्यावरण दिवस 2025: प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना’ का उत्सव  ICFRE-BRC, Aizawl:   10 June 2025

 महानिदेशक, आईसीएफआरई देहरादून का श्री मुकुंद बायोटेक टिशू कल्चर लैब, मजीठा, जबलपुर का दौरा दिनांक 08/06/2025  TFRI:   10 June 2025

 भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (भावाशिप), देहरादून की महानिदेशक का प्रदर्श ग्राम बंजारी (लखनादौन) भ्रमण (07/06/2025)  TFRI:   10 June 2025

 वन विद्यालय लखनादौन, मध्य प्रदेश के वनरक्षक का शैक्षणिक भ्रमण (05/06/2025)  TFRI:   10 June 2025

 विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान, (एफआरआई) देहरादून ने 19 मई से 30 मई, 2025 तक देहरादून के उम्मेदपुर गांव में “बांस आधारित हस्तशिल्प बनाना” पर दो सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया  -:   04 June 2025

 अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस समारोह 2025 की रिपोर्ट  -:   02 June 2025

 “वानिकी प्रजातियों के उत्तम गुणवत्ता का पौध उत्पादन एवं कृषि वानिकी प्रबंधन” विषय पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण  -:   02 June 2025

 ‘अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2025: प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास’ का उत्सव  -:   02 June 2025

 2 जून 2025 से 6 जून 2025 तक वानिकी प्रजातियों के गुणवत्तापूर्ण पौध उत्पादन एवं कृषि वानिकी प्रबंधन पर प्रशिक्षण  -:   02 June 2025

 हिमाचल प्रदेश के ठंडे रेगिस्तान में सतत आजीविका के लिए पोपलर रोपण और प्रबंधन पर आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला द्वारा आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रिपोर्ट  -:   02 June 2025

 भा.वा.अ.शि.प.-वर्षा वन अनुसंधान संस्थान, जोरहाट में दिनांक 20.05.2025 को क्षेत्रीय राजभाषा निरीक्षण सह हिन्दी कार्यशाला का आयोजन  .:   30 May 2025

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भा.वा.अ.शि.प.की प्रौद्योगिकी

  जूनीपेरस पॉलीकार्पस (हिमालयन पेन्सिल सीडार) की बीज प्रौद्योगिकी

जुनिपेरस पाॅलीकार्पोस, सी.कोच उत्तर पश्चिम हिमालयन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देशज शंकु वृक्ष है, जिसे सामान्यतः हिमालयन पेंसिल सिडार के नाम से जाना जाता है। इस प्रजाति के बीजों में प्रसुप्ति होती है, जो इसके अंकुरण को प्रभावित करती है। 

  कुटकी बहुगुणन हेतु वृहद-प्रसार तकनीक

पिकोरिजा कुरूआ, रायल एक्स बेंथ जिसे सामान्यतः कुटकी के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाना महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है, जिसकी उच्च शीतोष्ण क्षेत्रों (2700 मी. से ऊपर) में वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता है।

  मुशाकबला बहुगुणन हेतु बृहद-प्रसार तकनीक

वैलरियाना जटामांसी, जोन्स जिसे सामान्यतः मुशाकबला के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है तथा वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता रखता है।

  देवदार निष्पत्रक (एक्ट्रोपिस देवदारे प्राउट) का एकीकृत कीट प्रबंधन

देवदार (सिडेरस देओदारा), उत्तर-पश्चिम हिमालय का एक अति मूल्यित एवं बहुल शंकु प्रजाति है, यह कुछ अंतरालों पर निष्पत्रक, इक्ट्रोपिस देओदारी प्राउट (लेपीडोप्टेरा: जिओमैट्रिडि) से प्रभावित होता है। यह प्रमुख नाशी-कीट देवदार वनों की अल्पवयस्क फसलों को गम्भीरता से प्रभावित करता है।

  बागवानी रोपण के साथ शीतोष्ण औषधीय पादपों का अंतरफसलीकरण

उच्च पहाड़ी शीतोष्ण क्षेत्रों के बागानों में अंतरालों का बेहतर उपयोजन किया जा सकता है तथा चुनिंदा वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय पादपों के अंतरफसलीकरण से बागानों द्वारा आर्थिक लाभ की वृद्धि की जा सकती है।

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